भारतीय संविधान की प्रमुख समितियां एवम् उनके अध्यक्ष कौन थे।

भारतीय संविधान सभा की प्रमुख समितियां, उनके अध्यक्ष एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

Posted by: Lalsuprasad S. Rajbhar.

19/10/2018.

भारतीय संविधान सभा की प्रमुख समितियां, उनके अध्यक्ष एवं महत्वपूर्ण तथ्य:  (Indian Constituent Assembly Heads and Important Facts in Hindi)Indian Constituent Assembly Heads

भारतीय संविधान सभा का निर्माण ‘भारत के संविधान’ की रचना के लिए किया गया था। संविधान सभा की कार्रवाई 13 दिसम्बर, सन् 1946 ई. को जवाहर लाल नेहरू द्वारा पेश किये गए एक उद्देश्य प्रस्ताव के साथ प्रारम्भ हुई थी।

संविधान सभा का निर्माण कैसे हुआ?

ब्रिटेन से आज़ाद होने के बाद संविधान सभा के सदस्य ही प्रथम संसद के सदस्य बने थे। जुलाई, 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद ब्रिटेन में एक नयी सरकार का गठन हुआ। इस नयी सरकार ने भारत के संबन्ध में अपनी नई नीति की घोषणा की तथा एक संविधान निर्माण करने वाली समिति बनाने का निर्णय लिया। भारत की आज़ादी के प्रश्न का हल निकालने के लिए ब्रिटिश कैबिनेट के तीन मंत्री तत्कालीन समय में भारत भेजे गए। ‘भारतीय इतिहास’ में मंत्रियों के इस दल को ‘कैबिनेट मिशन’ के नाम से जाना जाता है। 15 अगस्त, 1947 को भारत के आज़ाद हो जाने के बाद संविधान सभा पूर्णत: प्रभुतासंपन्न हो गई। इस सभा ने अपना कार्य 9 दिसम्बर, 1947 से आरम्भ कर दिया था।

संविधान सभा के प्रमुख सदस्य कौन-2 थे?

संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अबुल कलाम आज़ाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। अनुसूचित वर्गों से तीस से अधिक सदस्य इस सभा में शामिल थे। सच्चिदानन्द सिन्हा इस सभा के प्रथम सभापति नियुक्त किये गए थे। किन्तु उनकी मृत्यु हो जाने के बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सभापति निर्वाचित किया गया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर को संविधान निर्माण करने वाली सिमित का अध्यक्ष चुना गया था। संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में कुल 166 दिन बैठक की। सभा की बैठकों में प्रेस और जनता को भी स्वतंत्रता से भाग लेने की छूट प्राप्त थी।

संविधान सभा की प्रमुख समितियां एवं उनके अध्यक्षो की सूची:

संविधान सभा की प्रमुख समितियों का नामसंविधान सभा की समितियों के अध्यक्ष का नामनियम समितिडॉ. राजेंद्र प्रसादसंघ शक्ति समितिपंडित जवाहर लाल नेहरूसंघ संविधान समितिपंडित जवाहर लाल नेहरूप्रांतीय संविधान समितिसरदार वल्लभ भाई पटेलसंचालन समितिडॉ. राजेंद्र प्रसादप्रारूप समितिडॉ. भीमराव अम्बेडकरझण्डा समितिजे. बी. कृपलानीराज्य समितिपंडित जवाहर लाल नेहरूपरामर्श समितिसरदार वल्लभ भाई पटेलसर्वोच्च न्यायालय समितिएस. वारदाचारियारमूल अधिकार उपसमितिजे. बी. कृपलानीअल्पसंख्यक उपसमितिएच. सी. मुखर्जीसंविधान समीक्षा आयोगएम एन बैक्टाचेलेया

भारतीय संविधान सभा की प्रमुख समितियां एवं महत्वपूर्ण तथ्य:

भारत की संविधान सभा का चुनाव भारतीय संविधान की रचना के लिए किया गया था। ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्र होने के बाद संविधान सभा के सदस्य ही प्रथम संसद के सदस्य बने।कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 ई० में किया गया।संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे।मिशन योजना के अनुसार जुलाई, 1946 ई० में संविधान सभा का चुनाव हुआ। कुल 389 सदस्यों में से प्रांतों के लिए निर्धारित 296 सदस्यों के लिय चुनाव हुए। इसमें कांग्रेस को 208, मुस्लिम लीग को 73 स्थान एवं 15 अन्य दलों के तथा स्वतंत्र उम्‍मीदवार निर्वाचित हुए।9 दिसंबर, 1946 ई० को संविधान सभा की प्रथम बैठक नई दिल्ली स्थित काउंसिल चैम्बर के पुस्तकालय भवन में हुई. सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डॉ। सच्चिदानंद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्‍यक्ष चुना गया। मुस्लिम लीग ने बैठक का बहिष्‍कार किया और पाकिस्तान के लिए बिलकुल अलग संविधान सभा की मांग प्रारम्भ कर दी।हैदराबाद एक ऐसी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं हुए थे।प्रांतों या देसी रियासतों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में संविधान सभा में प्रतिनिधित्व दिया गया था। साधारणतः 10 लाख की आबादी पर एक स्थान का आबंटन किया गया था।प्रांतों का प्रतिनिधित्व मुख्यतः तीन समुदायों की जनसंख्या के आधार पर विभाजित किया गया था, ये समुदाय थे: मुस्लिम, सिख एवं साधारण।संविधान सभा में ब्रिटिश प्रातों के 296 प्रतिनिधियों का विभाजन सांप्रदायिक आधार पर किया गया- 213 सामन्य, 79 मुसलमान तथा 4 सिख।संविधान सभा के सदस्यों में अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की संख्या 33 थी।संविधान सभा में महिला सदस्यों की संख्या 15 थी। संविधान सभा की महिलायों में अम्मू स्वामीनाथन,एनी मास्किरिन, बागेम एजाज रसूल, जी दुर्गाबाई, दक्षयानी वेलायुधन, हंसा मेहता,कमला चौधरी, लीला रे, मालती चौधरी, पूर्णिमा बनर्जी, राजकुमारी अमृत कौर, रेनुका रे, सरोजनी नायडू, सुचेता कृपलानी और विजयलक्ष्मी पंडित आदि शामिल थी।11 दिसंबर, 1946 ई. को डॉ राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष निर्वाचित हुए।संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसंबर, 1946 ई. को जवाहर लाल नेहरू द्वारा पेश किए गए उद्देश्य प्रस्‍ताव के साथ प्रारम्भ हुई।22 जनवरी, 1947 ई. को उद्देश्य प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद संविधान सभा ने संविधान निर्माण हेतु अनेक समितियां नियुक्त कीं। इनमे प्रमुख थी- वार्ता समिति, संघ संविधान समिति, प्रांतीय संविधान समिति, संघ शक्ति समिति, प्रारूप समिति।13 जून, 1947 ई. की योजना के अनुसार देश का बंटवारा हो जाने पर भारतीय संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 324 नियत की गई, जिसमें 235 स्थान प्रांतों के लिय और 89 स्थान देसी राज्यों के लिए थे।देश-विभाजन के बाद संविधान सभा का पुनर्गठन 31 अक्टूबर, 1947 ई. को किया गया और 31 दिसंबर 1947 ई. को संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 299 थीं, जिसमें प्रांतीय सदस्यों की संख्या एवं देसी रियासतों के सदस्यों की संख्या 70 थी।प्रारूप समिति ने संविधान के प्रारूप पर विचार विमर्श करने के बाद 21 फरवरी, 1948 ई. को संविधान सभो को अपनी रिपोर्ट पेश की।संविधान सभा में संविधान का प्रथम वाचन 4 नवंबर से 9 नवंबर, 1948 ई. तक चला। संविधान पर दूसरा वाचन 15 नवंबर 1948 ई० को प्रारम्भ हुआ, जो 17 अक्टूबर, 1949 ई० तक चला। संविधान सभा में संविधान का तीसरा वाचन 14 नवंबर, 1949 ई० को प्रारम्भ हुआ जो 26 नवंबर 1949 ई० तक चला और संविधान सभा द्वारा संविधान को पारित कर दिया गया। इस समय संविधान सभा के 284 सदस्य उपस्थित थे।संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष, 11 महीना और 18 दिन लगे। संविधान निर्माण कार्य पर कुल 63 लाख 96 हजार 729 रूपये का खर्च आयासंविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई।संविधान के कुछ अनुच्छेदों में से 15 अर्थात 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 372, 380, 388, 391, 392 तथा 393 अनुच्छेदों को 26 नवंबर, 1949 ई० को ही परिवर्तित कर दिया गया; जबकि शेष अनुच्छेदों को 26 जनवरी, 1950 ई० को लागू किया गया।संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 ई० को हुई और उसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।कैबिनेट मिशन के सदस्य सर स्टेफोर्ड क्रिप्स, लार्ड पेंथिक लारेंस तथा ए० बी० एलेक्ज़ेंडर थे।
धन्यवाद।

ऊँ नमः शिवाय।

जय सुहेलदेव राजभर जी।

लालसूप्रसाद यस. राजभर।

19/10/2018.

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