विरांगना महारानी कुन्तादेवी राजभर जी की जीवन गाधा।

विरागाँना महारानी कुन्ता देवी राजभर की पराक्रम की जीवन गाथा ।


आदरणीय एवम् सम्मानित मित्रों प्रणाम , नमस्कार ः🌸🌸🌸🌸🌸🌹🌹🌿🌷🌷🌷🌹🌹


Posted  by:   Lalsuprasad S. Rajbhar. 

08/03/2020

 आज महिला दिवस के अवसर पर हमारे भर / राजभर समाज की महिला विरांगना महारानी कुन्ती देवी जी शत् शत् नमन।विरागाँना महारानी कुन्ता देवी राजभर एक महान महायोद्धा एवं विरांगना महारानी थीं।जिन्होंने मुगल मुसलमानों के छक्के छुड़ा लियें थे। 
हमारे राजभर समाज में  रानी लक्ष्मीबाई के जैसे महारानी कुन्ता देवी राजभर, महारानी बल्लरी देवी राजभर जैसी विरागाँना लड़ाकू, शूरवीर , आदर्श नारियों की वीरगाथा इतिहास में मिलता है । महारानी कुन्ता देवी राजभर की जीवनगाथा प्रस्तुत है. 🌹🌸🌱🌿🌿🌺🌺

 

भारतीय समाज में नारियों का स्थान सदैव सम्मान पूर्ण रहा है / भारतीय नारी ने रसोई घर एवं रनिवास से लेकर रणभूमि तक का दायित्व बखूबी निभाया है / यद्यपि भारतीय मनीषियों ने नारी को  पुरुष का अर्द्धांग  कहा है किन्तु सच तो यह है पुरुष की सर्वांग रचना ही नारी के गर्भ में होती है / पुरुष अधर है और नारी धरा /
आज जब भी हम रामगढ़ की रानी अवंतिबाई लोधी , झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई एवं गढ़ा मंडला की रानी दुर्गावती आदि का स्मरण करते हैं तब इन वीरांगनाओं के प्रति हमारा सिर  श्रद्धा से झुक जाता है /लेकिन इन वीरांगनाओं को प्रेरणा कहाँ से मिली ,यह जानने के  लिए हमने दीमक लगे इतिहास के पृष्ठों को पलटने का कभी भी प्रयास ही नहीं किया / ऍसा ही कुछ वीरांगनाओं की प्रेरणा स्रोत सेना नायिका भर महारानी कुन्तादेवी  राजभर के साथ हुआ , जिसकी शौर्य गाथा इतिहास में तो अंकित है किन्तु हमने उन पृष्ठों को पढ़ने का कभी प्रयास नहीं किया /
एक ओर  जहाँ रानी अवंतिबाई ,रानी लक्ष्मीबाई एवं रानी दुर्गावती ने असामान्य परिस्थितियों में अर्थात अओअने पति की मृत्यु के बाद सेना का नेतृत्त्व कर ,रणचंडी बनकर रन भूमि में उतरीं , वहीँ दूसरी ओर भर महारानी कुन्तादेवी राजभर ने सामान्य परिस्थितियों में अर्थात अपने पति के जीवित  रहते हुए ही सेना का नेतृत्त्व  किया / भारतीय इतिहास में ऐसे उदाहरण मिलना अत्यंत कठिन हैं /
महारानी कुन्तादेवी राजभर बाराबंकी के महाराजा बारा की पत्नी थीं / महारानी कुन्तादेवी महल के अन्दर रहने वाली महारानियों में से नहीं थीं / वह महाराजा बारा के साथ आखेट खेलने भी जाया करती  थीं / निर्भीक ,निडर ,बे-खौफ महारानी कुन्तादेवी ने महाराजा बारा के साथ अनेक युद्धों में भाग लिया /
महाराजा बारा का साम्राज्य उत्तर में लखीमपुर खीरी से लेकर दक्षिण में इलाहाबाद तक फैला हुआ था / अरब यात्री अलमसौदी  के यात्रा विवरण के अनुसार महाराजा बारा कन्नौज के भी शासक थे / महाराजा बारा ने सन ८७२ ईस्वी से ९१२ ईस्वी तक शासन किया / महारानी कुन्तादेवी ने महाराजा बारा के समक्ष प्रस्ताव रखा कि  साम्राज्य की सुरक्षा के लिए नारियों का भी योगदान होना चाहिए / महाराजा बारा ने महारानी कुन्तादेवी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और महारानी कुन्तादेवी को नारी सेना गठन की स्वीकृति तथा नारी सेना की सेना नायिका का पद सम्हालने की अनुमति दे दी /
महारानी कुन्तादेवी ने नारी सेना का गठन किया / कुन्ता नारी सेना उत्तम घोड़ों से लैश थी / नारियों को सर्वप्रथम घुड़सवारी की शिक्षा दी जाती थी / कुन्ता नारी सेना को महाराजा बारा की सेना का प्रमुख अंग कहा जाता है / रामनगर , रुदौली , सिद्धौर , समौली और बहूराजमऊ  सेना के प्रमुख केंद्र थे / कुंतौर नगर जिसे महाराजा बारा ने महारानी कुंता के नाम पर बसाया था -में तीन हजार घोड़ों की घुड़साल थी /
सन ९१२ ईस्वी में वल्लभी के राष्ट्र कूट शासक कृष्ण द्वितीय ने कन्नौज पर चढाई की / महाराजा बारा राजभर युद्ध भूमि में वीरगति को प्राप्त हुए / किन्तु ,बाराबंकी और कुंतौर का साम्राज्य महारानी कुन्तादेवी ने तीन वर्ष [सन ९१२ ईस्वी से ९१५ ईस्वी ] तक सम्हाले रखा / सन ९१५ ईस्वी में प्रतिहार वंश के महेन्द्रपाल ने कुंता के साम्राज्य पर चढाई कर दी / कुंतौर में भयंकर युद्ध हुआ / इस युद्ध में महारानी क्य्न्तादेवी की हार हुई और उनका क़त्ल कर दिया गया /
यद्यपि महारानी कुंता देवी के क़त्ल के साथ ही नारी सेना सृजन की परिपाटी समाप्त हो गई किन्तु वे भारतीय वीरांगनाओं की प्रेरणा स्रोत बनी रहीं / महारानी कुंता देवी राजभर से प्रेरणा ग्रहण कर अनेक राजा महा- राजाओं ने अपनी रानियों -महारानियो एवं राजकुमारियों को युद्ध कौशल में दक्ष कराया /
[साक्ष्य के लिए इन ग्रंथो का अवलोकन किया जा सकता है —आन दी ओरिजिनल इनहेवीटेन्स आफ भारत वर्ष आर इंडिया -गुस्तव ओपर्ट , अल मसूदी का यात्रा विवरण , हिस्ट्री आफ इंडिया –इलियट , दी भरस आफ अवध एंड बनारस -पेटिक सर नेगी , गजेटियर आफ दी प्रोविन्सेस आफ अवध , दी हिमालयन डिस्ट्रिक्ट आफ दी एन,डब्ल्यू ,पि।, आफ इंडिया — एड्किन्सन एडविन  आदि ]हिन्दू राजभर विरागाँना कुन्ता देवी राजभर का इतिहास गौरव पूर्ण रहा ।  राजभर समाज का विकास एवम् उत्थान, सामाजिक, शिक्षा, मे सभी समाज के लोग सहभागी रहेँ ।


धन्यवाद 


ऊँ नमः शिवाय ।🌷🌷


जय महारानी कुन्ता देवी राजभर।


आप सभी का दिन शुभ मंगलमय हो । जय श्री कृष्ण।

L.S. Rajbhar
08/03/2020.
.🌹🌹🌷🌷🌷🌺🌸🌿🌿🌿🌲🌵🍃🎄💐🌻🌼🥀🎋🙏🙏🙏🙏

Comments

  1. thank you very much sir for
    providing histotical fact of rajbhar samaj

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