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भगवान शिव की महिमा एवं श्रावण मास।

सावन और शिव / विष पीने वाले शंकर को जल की फुहारें प्रिय हैं, इसलिए शैव उपासना का महीना है श्रावण। आदरणीय एवं सम्मानित मित्रों प्रणाम, नमस्कार। Posted by: Lalsuprasad S. Rajbhar. 17/07/2019. आप सभी लोगों को पहला  श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनाएं। देवों के देव महादेव आदि गुरु, आदि योगी और प्रथम अघोरी शिव जीवन जीने के सूत्र देते हैं शिव। सावन में शिव के स्वरुप से सीख सकते हैं कई बातें, क्या होता है अघोरी का सही अर्थ, कैसे करें सावन में शिव की उपासना।  श्रावण...सावन मास आज से  शुरू हो रहा है। श्रावण का अर्थ है श्रवण करने का समय। चातुर्मास, जिसमें हरि कथा का श्रवण किया जाता है। लेकिन, चातुर्मास का पहला महीना “हर” यानी शिव की उपासना का महीना है। सावन शिव को प्रिय है क्योंकि ये शीतलता प्रदान करता है। हर वो चीज जो शीतलता दे, वो शिव को प्रिय है। भागवत महापुराण में कथा है समुद्र मंथन की। देवता और दानवों ने मिलकर जब समुद्र को मथा तो सबसे पहले हलाहल विष निकला। विष इतना विनाशक था कि सारी सृष्टि में हाहाकार मच गया। भगवान विष्णु ने देवताओं को सलाह दी, जाकर भोलेनाथ को मनाएं, वो ही इस विष को पी

भगवान शिव की महिमा एवं श्रावण मास।

सावन और शिव / विष पीने वाले शंकर को जल की फुहारें प्रिय हैं, इसलिए शैव उपासना का महीना है श्रावण। आदरणीय एवं सम्मानित मित्रों प्रणाम, नमस्कार। Posted by: Lalsuprasad S. Rajbhar. 17/07/2019. आप सभी लोगों को पहला  श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनाएं। देवों के देव महादेव आदि गुरु, आदि योगी और प्रथम अघोरी शिव जीवन जीने के सूत्र देते हैं शिव। सावन में शिव के स्वरुप से सीख सकते हैं कई बातें, क्या होता है अघोरी का सही अर्थ, कैसे करें सावन में शिव की उपासना।  श्रावण...सावन मास आज से  शुरू हो रहा है। श्रावण का अर्थ है श्रवण करने का समय। चातुर्मास, जिसमें हरि कथा का श्रवण किया जाता है। लेकिन, चातुर्मास का पहला महीना “हर” यानी शिव की उपासना का महीना है। सावन शिव को प्रिय है क्योंकि ये शीतलता प्रदान करता है। हर वो चीज जो शीतलता दे, वो शिव को प्रिय है। भागवत महापुराण में कथा है समुद्र मंथन की। देवता और दानवों ने मिलकर जब समुद्र को मथा तो सबसे पहले हलाहल विष निकला। विष इतना विनाशक था कि सारी सृष्टि में हाहाकार मच गया। भगवान विष्णु ने देवताओं को सलाह दी, जाकर भोलेनाथ को मनाएं, वो ही इस विष को पी