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भर/राजभर शासक महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की जीवन गाथा।

भर/ राजभर शासक।  वीर शिरोमणि हिन्दू राष्ट्र रक्षक चक्रवर्ती श्रावस्ती सम्राट  भर / राजभर कुल गौरव  महाराजा सुहेलदेव राजभर जी का पराक्रम गाथा।🌹🌹🌿🌿🌷🌷 आदरणीय एवं सम्मानित मित्रो प्रणाम, नमस्कार। Posted by: Lalsuprasad S. Rajbhar. 16/02/2021 मित्रों  महाराजा सुहेलदेव राजभर जी का जन्म बंसत पंचमी को 1009 ई. मे हुआ था ।आज दिनांक 16 फरवरी2021 बसंत पंचमी के दिन 1012 वीं जयंती है ।10 जून 1034 मे चक्रवर्ती श्रावस्ती सम्राट हिंदू राष्ट्र रक्षक महाराजा सुहेलदेव राजभर जी ने सय्यद  सालार मसूद  की डेढ़ लाख सेना को गाजर मूली की  तरह अपने तलवारों से काट दिये थे । राष्ट्र वीर महाराजा सुहेलदेव राजभर जी ने विदेशी आक्रांता सैय्यद सालार मसूद को आज 10 जून  1034 ई.के दिन अपनी तलवारों से सिर कलम कर दिये थे । इसलिए आज 10 जून 1034 ई. के दिन विजय दिवस के रुप मे सभी भारत वासी मनाने लगे। आज विजय दिवस का दिन है। मित्रों हिन्दू राष्ट्र रक्षक वीरशिरोमणी श्रावस्ती सम्राट चक्रवर्ती महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की 986 वीं विजय दिवस  पर आप सभी देशवासियों एवं मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बहुत बहुत बधाई।  बसंत पंचमी क

महाराजा लाखन भर।

हिन्दूत्ववादी वीर शिरोमणि महाराजा लाखन राजभर। आदरणीय एवं सम्मानित मित्रों प्रणाम, नमस्कार। Posted by. : Lalsuprasad S. Rajbhar 08/02/2021.   मित्रों इतिहास साक्षी है कि शूद्र कभी राजा नहीं हुए।फिर भी ये सुअर पालने वाले पासी राजा कैसे हो गए ?  ये बहुत बड़ा प्रश्न है? ये पासी समाज के लोग हमारे महापुरूषों को  अपना बताकर कब्जा करना चाहते हैं।महाराजा लाखन पासी नहीं भर जाति के थे। पासी समुदाय के लोग जबरदस्ती हमारे भर / राजभर समाज के महापुरुषों को अपना बता रहे हैं। भर / राजभर जाति एक बहादुर लड़ाकू राजपूत जाति है। जबकि पासी जाति को उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है। पासी जाति सुअर पालन का कार्य करते थे।फिर पासी समुदाय के लोग राजा कैसे हो गए?? कुछ राजनीतिक दल हमारे भर/ राजभर समाज के साथ गद्दारी करके पासी समुदाय का साथ दे रहे हैं। 10 वी सदी भर / राजभर राजाओं के लिए बहुत अशुभ शाबित हुई।  इसी  10 वी शताब्दी के अन्तिम वर्षों में  लखनऊ के सबसे शक्तिशाली राजभर महाराजा लाखन  वीरगति को प्राप्त हुए। लखनऊ का नाम पहले लखनपुर था। लखनऊ को महाराजा  लाखन राजभर के नाम से बसाया गया था। आज जिस टील

महाराजा लाखन राजभर।

हिन्दूत्ववादी वीर शिरोमणि महाराजा लाखन राजभर। आदरणीय एवं सम्मानित मित्रों प्रणाम, नमस्कार। Posted by. : Lalsuprasad S. Rajbhar 08/02/2021.   मित्रों इतिहास साक्षी है कि शूद्र कभी राजा नहीं हुए।फिर भी ये सुअर पालने वाले पासी राजा कैसे हो गए ?  ये बहुत बड़ा प्रश्न है? ये पासी समाज के लोग हमारे महापुरूषों को  अपना बताकर कब्जा करना चाहते हैं।महाराजा लाखन पासी नहीं भर जाति के थे। पासी समुदाय के लोग जबरदस्ती हमारे भर / राजभर समाज के महापुरुषों को अपना बता रहे हैं। भर / राजभर जाति एक बहादुर लड़ाकू राजपूत जाति है। जबकि पासी जाति को उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है। पासी जाति सुअर पालन का कार्य करते थे।फिर पासी समुदाय के लोग राजा कैसे हो गए?? कुछ राजनीतिक दल हमारे भर/ राजभर समाज के साथ गद्दारी करके पासी समुदाय का साथ दे रहे हैं। 10 वी सदी भर / राजभर राजाओं के लिए बहुत अशुभ शाबित हुई।  इसी  10 वी शताब्दी के अन्तिम वर्षों में  लखनऊ के सबसे शक्तिशाली राजभर महाराजा लाखन  वीरगति को प्राप्त हुए। लखनऊ का नाम पहले लखनपुर था। लखनऊ को महाराजा  लाखन राजभर के नाम से बसाया गया था। आज जिस टील