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Showing posts from January, 2020

Maharaja Veersen Bharashiv Rajbhar Biography

Maharaja Veersen Bharashiv Rajbhar .महाराजा वीरसेन भारशिव राजभर ।🌷🌷🌹🌹 Posted  by:  Lalsuprasad S. Rajbhar . 25/01/2020  Respected Dears All friends Pranam, Namaskar .   Mathura Naresh Maharaja Veersen Bharishiv Rajbhar was the supreme devotee of Shiva. He was Shiva himself, therefore, he was counted in the eleventh Rudra and in Mahapuraan he was known as Veerabhadra. Maharaj Veersan used to wear Bharishiv Shivling. They could not bear the insult of Lord Shiva. Wherever Maheshwar Shiva was neglected in the auspicious work of Yajna, Maharaj Veerasan Bharishiv or his servants demolished that sacrifice. The proof of the sacrifice of the sacrifice of Prajapati Daksh is evidence. Due to this tendency, Vaishnav started having a deep hostility towards Lord Shiva, and started planning for the destruction of Bharashiv  Whenever the Vaishnavas got the opportunity, they tried to knock down the beats at the force of deceit. Not only this, but also for the destruction of the earth, it has been i

महाराजा बिजली राजभर जी की जीवन गाथा।

महाराजा बिजली राजभर ।लड़ेंगें हम जीतेंगे हम। Posted by: Lalsuprasd S. Rajbhar. 25/01/2020. महाराजा बिजली राजभर मित्रों इतिहास साक्षी है कि शुद्र कभी राजा नहीं हुए। फिर ये सुअर पालने वाले पासी राजा कैसे हुए?  महाराजा बिजली पासी नहीं भर थे। ये पासी समाज के लोग जबरदस्ती हमारे  भर/ राजभर समाज के महापुरुषों को अपना बता कर कब्जा करना चाहते है ।भर / राजभर  एक बहादुर क्षत्रिय राजपूत जाति है। जबकि पासी जाति को उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है । पासी जाति पहले सुअर पालन करने का कार्य करते थे। फिर पासी समाज के राजा कैसे हुए । कुछ राजनीतिक दल हमारे राजभर समाज के साथ गद्दारी करके पासी समाज का साथ दे रहे हैं।बारहवीं शताब्दी राजभर राजाओं के साम्राज्य के लिए बहुत अशुभ साबित हुई। इसी शताब्दी के अन्तिम वर्षों में अवध के सबसे शक्तिशाली राजभर महाराजा बिजली वीरगति को प्राप्त हुए थे। सन् 1194 ई. में इससे पहले राजा लाखन राजभर भी वीरगति को प्राप्त हुए। महाराजा बिजली राजभर की माता का नाम बिजना था, इसीलिए उन्होंने सर्वप्रथम अपनी माता की स्मृति में बिजनागढ की स्थापना की थी जो कालांतर में बिजनौरग

साइमन कमीशन अंग्रेजों का काला कानून।

साइमन कमीशन अँग्रेज़ो का काला कानून । आदरणीय एवं सम्मानित मित्रों प्रणाम, नमस्कार । Posted by: L. S. Rajbhar. 20/01/2020 साइमन कमिशन अँग्रेज़ो का काला कानून था । जिसमेँ सभी सदस्य अँग्रेज थे । केवल एक मात्र बाबा साहेब आँबेडकर को छोड़कर ।साइमन आयोग सात ब्रिटिश सांसदो का समूह था, जिसका गठन 1927 में भारत में संविधान सुधारों के अध्ययन के लिये किया गया था। इसे साइमन आयोग (कमीशन) इसके अध्यक्ष सर जोन साइमन के नाम पर कहा जाता है। साइमन कमीशन के सुझाव। साइमन कमीशन की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि- (१) प्रांतीय क्षेत्र में विधि तथा व्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में उत्तरदायी सरकार गठित की जाए। (२) केन्द्र में उत्तरदायी सरकार के गठन का अभी समय नहीं आया। (३) केंद्रीय विधान मण्डल को पुनर्गठित किया जाय जिसमें एक इकाई की भावना को छोड़कर संघीय भावना का पालन किया जाय। साथ ही इसके सदस्य परोक्ष पद्धति से प्रांतीय विधान मण्डलों द्वारा चुने जाएं।[1] विरोध और लाला लाजपत राय की मृत्यु। कमीशन के सभी सदस्य अंग्रेज (केवल बाबा साहब अम्बेडकर को छोड़कर) थे जो भारतीयों का बहुत बड़ा अपमान था। चौरी चौरा की घटना के बाद असहय

विदेशी आक्रंता हिन्दूस्तान को लूटने वाला कातिल बहराइच मे सालार गाजी को मुर्ख हिन्दू क्यों पुजते हैं।

विदेशी आक्रंता हिन्दुस्तान का लूटेरा कातिल सालार गाजी की मजार पर मुर्ख  हिन्दू क्यों पुजते हैं। आदरणीय एवं सम्मानित मित्रों प्रणाम, नमस्कार   Posted by: Lalsuprasad S. Rajbhar 06/01/2020. कब्र मे मुर्दे को खाने वाले कीड़े भी कुछ सालो मे नष्ट हो जाते हैं। परन्तु हिन्दू उनपर सिर रगड़ते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक शहर है,बहराइच ।बहराइच में हिन्दू समाज का मुख्य पूजा स्थल है गाजी बाबा की मजार। मूर्ख अन्धविस्वासी हिंदू लाखों रूपये हर वर्ष इस पीर पर चढाते है। इतिहास का जानकार हर व्यक्ति जानता है,कि महमूद गजनवी के उत्तरी भारत को १७ बार लूटने व बर्बाद करने के कुछ समय बाद उसका भांजा सलार गाजी भारत को दारूल इस्लाम बनाने अथवा पूरे हिंदुस्तान पर राज्य करने के उद्देश्य से भारत पर चढ़ आया । वह पंजाब ,सिंध, आज के उत्तर प्रदेश को रोंद्ता हुआ बहराइच तक जा पंहुचा। रास्ते में उसने लाखों हिन्दुओं का कत्लेआम कराया, लाखों हिंदू औरतों के साथ बलात्कार हुए, हजारों मन्दिर तोड़ डाले। राह में उसे एक भी ऐसा हिन्दू वीर नही मिला जो उसका मान मर्दन कर सके। इस्लाम की जेहाद की आंधी को रोक सके। परंतु बहराइच के  महाराजा स