विदेशी आक्रंता हिन्दूस्तान को लूटने वाला कातिल बहराइच मे सालार गाजी को मुर्ख हिन्दू क्यों पुजते हैं।

विदेशी आक्रंता हिन्दुस्तान का लूटेरा कातिल सालार गाजी की मजार पर मुर्ख  हिन्दू क्यों पुजते हैं।

आदरणीय एवं सम्मानित मित्रों प्रणाम, नमस्कार
 
Posted by: Lalsuprasad S. Rajbhar

06/01/2020.

कब्र मे मुर्दे को खाने वाले कीड़े भी कुछ सालो मे नष्ट हो जाते हैं। परन्तु हिन्दू उनपर सिर रगड़ते हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक शहर है,बहराइच ।बहराइच में हिन्दू समाज का मुख्य पूजा स्थल है गाजी बाबा की मजार। मूर्ख अन्धविस्वासी हिंदू लाखों रूपये हर वर्ष इस पीर पर चढाते है। इतिहास का जानकार हर व्यक्ति जानता है,कि महमूद गजनवी के उत्तरी भारत को १७ बार लूटने व बर्बाद करने के कुछ समय बाद उसका भांजा सलार गाजी भारत को दारूल इस्लाम बनाने अथवा पूरे हिंदुस्तान पर राज्य करने के उद्देश्य से भारत पर चढ़ आया । वह पंजाब ,सिंध, आज के उत्तर प्रदेश को रोंद्ता हुआ बहराइच तक जा पंहुचा। रास्ते में उसने लाखों हिन्दुओं का कत्लेआम कराया, लाखों हिंदू औरतों के साथ बलात्कार हुए, हजारों मन्दिर तोड़ डाले।
राह में उसे एक भी ऐसा हिन्दू वीर नही मिला जो उसका मान मर्दन कर सके। इस्लाम की जेहाद की आंधी को रोक सके। परंतु बहराइच के  महाराजा सुहेल देव राजभर जी  ने उसको थामने का बीड़ा उठाया । वे अपनी सेना के साथ सलार गाजी के हत्याकांड को रोकने के लिए जा पहुंचे।हिन्दू हृदय सम्राट महाराजा सुहेलदेव राजभर जी व हिन्दू वीरों ने सालार गाजी व उसकी लाखों की दानवी सेना को मूली गाजर की तरह काट डाला । सलार गाजी मारा गया। उसकी भागती सेना के एक एक हत्यारे को काट डाला गया। हिंदू ह्रदय सम्राट महाराजा सुहेल देव राजभर ने अपने हिन्दू धर्म का पालन करते हुए, सालार मसूद गाजी को इस्लाम के अनुसार कब्र में दफ़न करा दिया।
कुछ समय पश्चात् तुगलक वंश के आने पर फीरोज तुगलक ने सालारगाजी को इस्लाम का सच्चा संत सिपाही घोषित करते हुए उसकी मजार बनवा दी। आज उसी सालार मसूद गाजी को हिन्दुओं के हत्यारे, हिंदू औरतों के बलात्कारी ,मूर्ती भंजन दानव को हिंदू समाज एक देवता की तरह पूजता है। ऐसे हिन्दुओं को चूल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।सालार गाजी हिन्दुओं का गाजी बाबा हो गया है सालार गाजी हिन्दुओं का भगवान बनकर हिन्दू समाज का पूजनीय हो गया है। अब गाजी की मजार पूजने वाले ,ऐसे हिन्दुओं को मूर्ख न कहे तो क्या कहें ।
ख्वाजा गरीब नवाज़,चाँदमिया उर्फ साईबाबा, अमीर खुसरो, निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर
जाकर मन्नत मांगने वाले सनातन धर्मी (हिन्दू) लोगो के लिए विशेष :--
पूरे देश में स्थान स्थान पर बनी कब्रों,मजारों या दरगाहों पर हर वीरवार को जाकर शीश झुकाने व मन्नत करने वालों से कुछ प्रश्न :-
1.क्या एक कब्र जिसमे मुर्दे की लाश मिट्टी में बदल चुकी है वो किसी की मनोकामना पूरी कर सकती हैं?
2. ज्यादातर कब्र या मजार उन मुसलमानों की हैं जो हमारे पूर्वजो से लड़ते हुए मारे गए
थे, उनकी कब्रों पर जाकर मन्नत मांगना क्या उन वीर पूर्वजो का अपमान नहीं हैं जिन्होंने अपने प्राण धर्म की रक्षा करते हुए बलि वेदी पर समर्पित कर दियें थे
?
3. क्या हिन्दुओ कोे अपने भगवान श्री राम, श्री कृष्ण,हनुमानजी, शिव,गणेश,जगत जननी अम्बे माता अथवा अन्य हिंदुओं के 33 प्रकार के देवी देवताओं​ पर भरोसा नहीं हैं जो मुसलमानों की कब्रों पर सर पटकने के लिए जाना आवश्यक हैं?
4. जब रामचरित मानस में तुलसीदास जी महाराज लिख दिए है *करम प्रधान विश्व करि राखा। जो जस करि सो तस फल चाखा।।* 
और गीता में भगवान श्री कृष्ण साफ़ साफ़ कहा हैं की *कर्म करने से ही सफलता प्राप्त होती हैं* तो मजारों में दुआ मांगने से क्या हासिल होगा?
*हिंदुओं क्या तुम आलसी बनकर झूठे अन्धविस्वासियों के चक्कर मे फस कर अपना कर्म करना छोड़ कर कब्रो पर जाओगे..?* 
*घर मे यदि कोई मरता है, मुर्दे के पीछे चार पग चलते हो तो घर मे नहा कर घुसते हो..*
परन्तु एक मुर्दे की कब्र पर हिन्दू मतानुसार अशुद्ध जगह पर जाकर प्रसाद खाते हो..और घर मे बिना नहाये घुस आते हो..
*भगवान श्री कृष्ण गीता में क्या बोले है सुनो..*

*"यान्ति देवव्रता देवान्*
*पितृन्यान्ति पितृव्रताः*

*भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति*
*मद्याजिनोऽपिमाम्"*

श्री मद भगवत गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि भूत प्रेत, मुर्दा, पितृ (खुला या दफ़नाया हुआ अर्थात् कब्र,मजार अथवा समाधि) को सकामभाव से पूजने वाले स्वयं मरने के बाद प्रेत की योनी में ही विचरण करते हैं व उसे ही प्राप्त करते हैं l
5. भला किसी मुस्लिम देश में वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, हरी सिंह नलवा आदि वीरो की स्मृति में कोई स्मारक आदि बनाकर उन्हें पूजा जाता हैं तो भला हमारे ही देश पर आक्रमण करनेवालो की कब्र पर हम क्यों शीश झुकाते हैं?
6. क्या संसार में इससे बड़ी मूर्खता का प्रमाण आपको मिल सकता हैं?
7. हिन्दू कौनसी ऐसी अध्यात्मिक प्रगति मुसलमानों की कब्रों की पूजा कर प्राप्त कर रहे हैं जो वेदों- उपनिषदों में कहीं नहीं गयीं हैं?
8. कब्र, मजार पूजा को हिन्दू मुस्लिम सेकुलरता की निशानी बताना हिन्दुओ को अँधेरे में रखना नहीं तो क्या हैं ?
आशा हैं इस लेख को पढ़ कर आपकी बुद्धि में कुछ प्रकाश हुआ होगा l अगर आप श्री राम और श्री कृष्ण को मानते हैं तो तत्काल इस मुर्खता पूर्ण अग्यान को छोड़ दे और अन्य हिन्दुओ को भी इस बारे में बता कर उनकी मूर्खता को दूर करे| अपने धर्म को जानिए l इस अज्ञानता के चक्र में से बाहर निकलिए।मुसलिम के मजार हिन्दू को नहीं जाना चाहिए। इसका त्याग किजिए। आपने कभी किसी मुस्लिम को मंदिर में पूजा अर्चना करते देखें हैं ? नही। फिर अपने आप को संभालिए। आप मुसलमानों की मस्जिद में पेशाब भी नहीं कर सकते हैं , क्योंकि मुसलमान लोग हिन्दू को काफिर समझते हैं। 

जय श्रीराम।

जय सुहेलदेव भर/ राजभर

L. S. Rajbhar

06/01/2020.

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